Founder President



Sh. Mahendra Singh Tikait

(6 Oct 1935 - 15 May 2011)

भारतीय किसान यूनियन - BHARTIYA KISAN UNION

Indian Farmer Representative Organization Founded in 1987
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President



Sh. Naresh Singh Tikait
About Shri Mahendra Singh Tikait

Shri Mahendra Singh Tikait was a well known farmer leader in the western area of Uttar Pradesh state, India. He was born in 6 October 1935 at village Sisauli in Muzaffar Nagar District of Uttar Pradesh. He was Founder President of the Bharatiya Kisan Union, a farmers' movement, and was revered as the farmers’ "second messiah" after the Prime Minister Chaudhary Charan Singh. Shri Mahendra Singh Tikait died in Muzaffar Nagar on 15 May 2011 at the age of 75.

The hereditary title of Tikait was apparently conferred on his family by the seventh-century emperor Harshavardhan. As per the hereditary eldest son of the family become the chaudhary of Baliyan Khap. Accordingly after demise of his father Shri Mahendra Singh Tikait had become the chaudhary of Baliyan Khap, at the age of eight.

Tikait had a firm belief in his thousands years old regional and caste's traditions and culture. He opposed the Supreme Court decision that marriages between people from the same gotra were valid. "We live by a moral code where honour has to be protected at any cost. Same gotra marriages are incestuous, No society would accept it. Why do you expect us to do so? Incest violates maryada (honour) and villagers would kill or be killed to protect their maryada," he had said in a TV interview.

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खेती के मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन 23 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2018 तक हरिद्वार टिकैत घाट से दिल्ली किसान घाट तक किसान क्रान्ति यात्रा

भारत के किसान आन्दोलन की समन्वय समिति की बैठक का आयोजन दिल्ली में किया गया। जिसमें किसानों की समस्याओं पर गहनता से विचार कर कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर देश में बड़ा आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु के किसान नेताओं ने भाग लिया।

Posted By BKU Tikait - Wednesday, SEP 05, 2018

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प्रदेश सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य नाकाफी, चीनी मिलों से सरकार की मिलीभगत के चलते गन्ना किसानों के हितों पर किया कुठाराघातः- चौ0 राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन सरकार द्वारा घोषित मूल्य पर संतुष्ट नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करती है कि गन्ना मूल्य पर पुनर्विचार करते हुए अपने संकल्प पत्र में किये गये वादे के अनुसार गन्ने का मूल्य 450 रुपये प्रति कुन्तल घोषित कर किसानों को लाभकारी मूल्य दें अन्यथा भाकियू पूरे प्रदेश में इसके विरूद्ध आन्दोलन करेगी। कल भाकियू प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर गन्ना जलाकर अपना विरोध दर्ज करायेगी।

Posted By BKU Tikait - Friday, OCT 27, 2017

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Ch. Naresh Tikait meet CM Yogi adityanath

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ0 नरेश टिकैत जी के नेतृत्व में भाकियू के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के आवास 5 कालिदास मार्ग पर भेंट कर किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर समाधान किये जाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था से लेकर किसान समस्याओं पर संतोषजनक कार्य नहीं हो पा रहा है। गन्ना भुगतान एवं ब्याज, आलू की खरीद, धान खरीदने की शत-प्रतिशत व्यवस्था, जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान, रंगराजन कमेटी आदि पर विस्तृत चर्चा की।

Posted By BKU Tikait - Friday, Aug 04, 2017

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Main Road, Sisauli
District Muzaffar Nagar,
Uttar Pradesh
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प्रेस विज्ञप्ति - भारतीय किसान यूनियन के द्वारा 2023- 24 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी की सूची।

भारतीय किसान यूनियन के द्वारा दिनांक 3/11/2023 को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक वर्तमान सूची 2023 24 जारी की गई जिसमें सर्वसम्मति से भारतीय किसान यूनियन के सभी सदस्यों ने चौधरी नरेश टिकैत जी को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना और इस सूची को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह जी ने जारी किया।

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हम 23 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर से एक बड़े आंदोलन का आगाज करेंगे

प्रेस विज्ञप्ति । दिनॉक- 17/10/2023

देश का किसान आज नाजुक हालत के दौर से गुजर रहा है हम सरकार की गलत नीतियों का डटकर मुकाबला करेंगे-चौधरी नरेश टिकैत ।

टिकैत परिवार आखरी सांस तक किसानों के साथ खड़ा रहेगा और मजबूती से उनकी लड़ाई को लड़ेगा-चौधरी राकेश टिकैत।
मु०नगर (उत्तर प्रदेश)-आज उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर के गांव मुंडभर में आयोजित मासिक किसान मजदूर महापंचायत में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के किसानों व पदाधिकारियो ने हिस्सा लिया।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत जी ने पंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि देश का किसान आज नाजुक हालत के दौर से गुजर रहा है फसलों के भाव ना मिलने से परिवार के पालन पोषण पर भारी असर पड़ रहा है, उत्तर प्रदेश के अंदर प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा है बिजली विभाग गांव गांव जाकर छापेमारी कर रहा है और किसानों से भारी भरकम बिल वसूल रहा है हम 23 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर से एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे और प्रशासन के तानाशाही रवैया का मुंह तोड़ जवाब देंगे।
पंचायत को ही संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जी ने कहा कि बड़े टिकैत साहब आंदोलन में 350 बार जेल गए, हम समस्या के समाधान तक अपना यह संघर्ष जारी रखेंगे और सरकार की तानाशाही नीति के विरुद्ध जल्दी एक बड़े आंदोलन का आगाज पूरे देश में करेंगे न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है केंद्र सरकार एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा देकर किसानों को उनका हक देने का काम करें।
उत्तर प्रदेश के अंदर पुलिस प्रशासन संगठन के पदाधिकारीयो पर फर्जी तरीके से मुकदमे दर्ज कर रहा है दबाव बनाकर संगठन को तोड़ना चाहते हैं लेकिन पुलिस प्रशासन किया तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी हम 23 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर से आंदोलन की शुरुआत करेंगे जिसका नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत करेंगे।

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हमें कर्ज नहीं फसलों के भाव चाहिए, हमारी सबसे पहले प्राथमिकता एमएसपी को गारंटी कानून बनवाना है।

भाकियू की नई पहल, आम किसान सभा के सहारे आंदोलन मजबूत करने का ऐलान
मुजफ्फरनगर। प्रेस विज्ञप्ति
भारतीय किसान यूनियन ने भी किसान आंदोलन को और मजबूती देने के लिए गांव का रुख किया है। इसकी शुरुआत आज बुधवार को मुजफ्फरनगर के बढ़ेडी गांव से की गई। साधन सहकारी समिति में आयोजित पहली आम किसान सभा को राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संबोधित किया।
इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि आना वाल समय किसानों के लिए बेहद कठिन है। देश के बड़े पूंजीपति सरकार से मिलकर खेतों को कब्जाने की जुगत में हैं। किसानों को और कर्ज में डुबोकर ये बैंकों से मिलकर किसानों की जमीनों पर कब्जा करेंगे और आम किसान हाथ पर हाथ धरे रह जाएगा। इसीलिए अब आंदोलन की रूपरेखा गांव में ही बनानी होगी। गांव की इकाइयों और समितियों को मजबूत किए बिना यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। इसलिए देशभर में गांव-गांव जाकर ट्रैक्टर प्रमुख बनाने का अभियान चलाया जाएगा। ग्राम स्तर पर भाकियू की समितियों का गठन किया जाएगा और उसी से निकले कर्मठ कार्यकर्ताओं को ब्लॉक्, तहसील, जिला और प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अगर केंद्र में ऐसी सरकार दोबारा बनी तो मीडिया पर भी बंदिश लगेगी और बाकी राजनीतिक पार्टियों में भी टूट-फूट होगी। कोई विरोध करने की हिम्मत नहीं कर पाएगा। इसी के साथ खेती-किसानी पर कब्जा करने का षड़यंत्र रचा जाएगा। शहर में सस्ते मजदूरों की फौज तैयार करने के लिए गांव के किसान को उनकी जमीनें सस्ते में छीनकर उन्हें कृषि मजदूर बनाने का काम किया जाएगा। ये काम आज भी हो रहा है। केसीसी यानि किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को ऋण के जाल में फंसाकर आज भी उनकी जमीनों को नीलाम करने का दुष्चक्र रचा जा रहा है। फसलों के दाम इसीलिए नहीं मिल पा रहे। इसीलिए एमएसपी गारंटी कानून लाने में सरकार हिचक रही है जबकि सब को पता है कि किसान को कर्ज नहीं फसलों के दाम चाहिए। ग्रामीण युवाओं को नौकरी चाहिए। 
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि भाकियू की गांव की इकाई को मजबूत करें और खेती-किसानी बचाने की इस अपनी जंग की खुद ही कमान संभालें तभी किसान बिरादरी के साथ् मजदूर बिरादरी का भी भला होगा। वरना गांवों को खत्म होते देर नहीं लगेगी। उन्होंने गांव के युवाओं से सामाजिक बुराईयों को छोड़ शिक्षा, खेल के साथ अपने हकों की लड़ाई लड़ने का भी आह्वान किया।